Friday 21 May 2010

हर्फ़-ए-ग़लत - part- 2

Hi All,
I have started harf-e-galat part 2 .Readers are kindly requested to read my new blog
@ http://harf-e-galat-ll.blogspot.com/

-Momin

मैं इस बात का एलान करने में ख़ुशी महसूस कर रहा हूँ कि मैं हर्फ़ ए ग़लत का दूसरा दौर हर्फ़ ए ग़लत part -2 शुरू कर रहा हूँ. एक नए अहेद के साथ कि सच्चाई की राह पर अडिग रहूँगा, जानिब दारी, भावुकता, ज़ुबान ए ख़ल्क़, लिहाज़, लालच या मौत का डर भी मेरे सच बोलने में आड़े नहीं आ सकती. ईमान मेरा धर्म है. ईमान ही हर इंसान का धर्म होना चाहिए. ईमान ही इंसान की मुक्ति और नजात का एक मात्र साधन है. मैं अपने पूरे ईमान के साथ कह रहा हूँ कि इस्लाम ने आज तक दुन्या का सब से ज्यादा अहित किया है. मुसलमान भाई इसे संजीदगी से सोचें और जानें, न कि इस बात को पढ़ कर ही गुस्से से बिफर जाएँ. मसावात के नाम पर अगर कहीं कोई तब्दीली हुई है तो इसकी जंग जू फितरत ने उसको बरक़रार नहीं रक्खा. आज इस्लाम की यही फितरत मुसलमानों को रुस्वाए ज़माना किए हुए है. मुसलमान होश में आएँ, अपने वजूद को बचाएँ. बस ज़रा सा तबदीली करनी है कि मुस्लिम से मोमिन हो जाएँ.
ख़ैर अंदेश
'मोमिन'

4 comments:

  1. थोडा समय मिले तो सबसे कहना कि अभी वक्‍त है आओ

    signature:
    विचार करें कि मुहम्मद सल्ल. कल्कि व अंतिम अवतार और बैद्ध मैत्रे, अंतिम ऋषि
    (इसाई) यहूदीयों के भी आखरी संदेष्‍टा? हैं या यह big Game against Islam है?
    antimawtar.blogspot.com (Rank-2 Blog) डायरेक्‍ट लिंक

    अल्‍लाह का चैलेंज पूरी मानव-जाति को

    अल्‍लाह का चैलेंज है कि कुरआन में कोई रद्दोबदल नहीं कर सकता

    अल्‍लाह का चैलेंजः कुरआन में विरोधाभास नहीं

    अल्‍लाह का चैलेंजः आसमानी पुस्‍तक केवल चार

    अल्‍लाह का चैलेंज वैज्ञानिकों को सृष्टि रचना बारे में

    अल्‍लाह का चैलेंज: यहूदियों (इसराईलियों) को कभी शांति नहीं मिलेगी

    छ अल्लाह के चैलेंज सहित अनेक इस्‍लामिक पुस्‍तकें
    islaminhindi.blogspot.com (Rank-2 Blog)
    डायरेक्‍ट लिंक

    ReplyDelete
  2. आज बहन फ़िरदौस ने अपने ब्लॉग पर लिखा है-
    काश! आज एक 'मोमिन' तो आ जाए यह सब देखने के लिए...

    ReplyDelete
  3. एक सार्थक पहल का स्वागत है..

    ReplyDelete
  4. जमाल -- सुरेन्द्र कुमार शर्मा के अनुवाद को कौन हिन्दू मानता है, ये सुरेन्द्र कुमार शर्मा जैसे लोग तुम्हारे जैसे ही भडवे हैं या फिर मुर्ख लोग हैं.
    तुम लोग एक तरफ दुनिया में आतंकवाद फैला रहे हो और दूसरी तरफ अमन-शान्ति की बात करते हो . एक तरफ कुरान के अनुसार वेदों की तारीफ करते हो और दूसरी तरफ जगह-२ वेदों की बुराई. तुम्हरी इन हरामी चालों में कोई नहीं आने वाला. तुम हरामी जेहादी कुत्ते हो जिनको गोली मार देनी चाहिये.

    ReplyDelete